अब CTET और TET की जरूरत नहीं, B.Ed डिग्रीधारकों के लिए बड़ी राहत!

अगर आप B.Ed डिग्री धारक हैं और शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। हाल ही में सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो लाखों B.Ed डिग्रीधारकों के लिए राहत लेकर आया है। अब CTET (Central Teacher Eligibility Test) और TET (Teacher Eligibility Test) पास करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। यह कदम उन उम्मीदवारों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है जो पहले इन परीक्षाओं को पास करने में कठिनाई महसूस करते थे।


इस बदलाव का उद्देश्य शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाना और योग्य उम्मीदवारों को अधिक अवसर प्रदान करना है। इस नए नियम से न केवल समय की बचत होगी बल्कि शिक्षण क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता भी आएगी। आइए, इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि यह नया अपडेट क्या है और इसका B.Ed डिग्रीधारकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

B.Ed डिग्रीधारकों के लिए नया अपडेट

सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि अब B.Ed डिग्री वाले उम्मीदवारों को सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए CTET या TET पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय खासतौर पर उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा जहां शिक्षक भर्ती के लिए CTET या TET अनिवार्य था।

इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योग्य उम्मीदवार बिना किसी अतिरिक्त बाधा के शिक्षक बन सकें। यह कदम शिक्षण क्षेत्र में योग्य और कुशल शिक्षकों की कमी को पूरा करने में मदद करेगा।

योजना का संक्षिप्त विवरण

विशेषताविवरण योजना का नामCTET और TET की अनिवार्यता समाप्तलागू होने का क्षेत्रसभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशलाभार्थीB.Ed डिग्रीधारकमुख्य उद्देश्यशिक्षक भर्ती प्रक्रिया को सरल बनानालागू तिथिहाल ही में घोषितपरीक्षा की आवश्यकताCTET/TET अब अनिवार्य नहींसंबंधित विभागशिक्षा मंत्रालय

CTET और TET क्या हैं?

CTET (Central Teacher Eligibility Test) और TET (Teacher Eligibility Test) वे परीक्षाएं हैं जो शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य मानी जाती थीं। इन परीक्षाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि शिक्षण क्षेत्र में केवल योग्य उम्मीदवार ही प्रवेश करें।

CTET: यह परीक्षा केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, और अन्य केंद्रीय सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए होती थी।


TET: यह राज्य स्तर पर आयोजित होती थी और राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवश्यक थी।


हालांकि, इन परीक्षाओं को पास करना कई उम्मीदवारों के लिए चुनौतीपूर्ण होता था। इसी वजह से सरकार ने अब B.Ed डिग्रीधारकों को इनसे छूट देने का फैसला किया है।

इस फैसले से कौन होगा लाभान्वित?

यह नया नियम खासतौर पर उन उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद होगा जो:

पहले से B.Ed डिग्री धारक हैं।

बार-बार CTET या TET परीक्षा में असफल हो रहे थे।

शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे लेकिन इन परीक्षाओं की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे।


अब ये उम्मीदवार बिना किसी अतिरिक्त परीक्षा के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

नए नियम से क्या होंगे फायदे?

सरकार द्वारा इस निर्णय को लागू करने से कई फायदे होंगे:

समय की बचत: अब उम्मीदवारों को CTET या TET जैसी परीक्षाओं की तैयारी में समय नहीं लगाना पड़ेगा।

आर्थिक बचत: इन परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग या अन्य संसाधनों पर खर्च कम होगा।

भर्ती प्रक्रिया तेज होगी: शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अधिक सरल और तेज हो जाएगी।

योग्यता पर जोर: अब केवल B.Ed डिग्री धारकों की योग्यता को प्राथमिकता दी जाएगी।

क्या यह सभी राज्यों में लागू होगा?

यह नियम पूरे देश में लागू किया जाएगा, लेकिन राज्यों को इसे अपने स्तर पर लागू करने का अधिकार होगा। कुछ राज्य अभी भी अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुसार CTET या TET को जारी रख सकते हैं। इसलिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

क्या इस फैसले से कोई नुकसान भी हो सकता है?

हालांकि यह निर्णय अधिकांश उम्मीदवारों के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे शिक्षण क्षेत्र की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। CTET और TET जैसी परीक्षाएं शिक्षकों की योग्यता जांचने का एक मानक थीं। इनके हटने से कुछ जगहों पर अयोग्य उम्मीदवार भी भर्ती हो सकते हैं।

इस बदलाव का उद्देश्य

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि:

योग्य शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके।

भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

अधिक से अधिक उम्मीदवारों को अवसर प्रदान किया जा सके।

क्या आप अभी भी CTET/TET दे सकते हैं?

अगर आप चाहें तो आप अभी भी CTET या TET परीक्षा दे सकते हैं क्योंकि कुछ निजी स्कूल या राज्य सरकारें इसे मान्यता दे सकती हैं। हालांकि, सरकारी स्कूलों में B.Ed डिग्री धारकों के लिए इसकी आवश्यकता अब नहीं होगी।

निष्कर्ष

सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित रूप से लाखों B.Ed डिग्रीधारकों के लिए राहत लेकर आया है। इससे न केवल उनकी शिक्षक बनने की राह आसान होगी बल्कि शिक्षा क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार भी होगा। 

हालांकि, उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपने राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उसी अनुसार आवेदन करें।

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बच्चों को कैसे संस्कारी बनाए?

बच्चों को कैसे संस्कारी बनाए?

सबसे पहले उन्हे मोबाइल से बिल्कुल दूर रखें


बच्चों के सामने कभी भी आपस लड़ाई झगड़ा बिल्कुल न करें


बारी बारी से दोनो लोग बच्चों पर ध्यान दें




गलती होने पर उन्हें डांटे नहीं बल्कि उन्हें प्यार से समझाने की कोशिश करें


बच्चों के सामने टी वी या मोबाइल पर कोई आपत्तिजनक सामग्री न देखें


बच्चों के द्वारा पूछे गए हर प्रश्न का जवाब सही और तर्क पूर्ण देने की कोशिश करें


कोई प्रश्न पूछने पर उन्हे डांटे नहीं, उनकी बातों को धैर्यपूर्वक सुने


परिवार के किसी भी सदस्य की बुराई बच्चों के सामने कभी न करें।


बच्चों के सामने कभी रोमांस न करें


घर में आए मेहमानों का आदर करना सिखाएं


उनकी हर मांग को कभी भी पूरा न करें जरूरत के हिसाब से उनकी मांग पूरी करें


बच्चों के सामने झूठ कम से कम बोलें


स्कूल से आने के बाद बच्चे से स्कूल की चर्चा जरूर करें


हफ्ते में कम से एक बार उन्हे बाहर जरूर लेकर जाएं ताकि वे बाहरी लोगो को भी थोड़ा बहुत समझ सके


बच्चों से घर का छोटा मोटा कार्य अवश्य कराएं अगर वह कोई कार्य करने योग्य है तो।


अगर घर में दो बच्चे हैं तो दोनो को बराबर का प्यार दीजिए किसी बच्चे के साथ भेदभाव न करें विशेष कर लड़की के साथ क्योंकि लड़कियां लड़कों की अपेक्षा ज्यादा संवेदनशील होती हैं।


उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।


बच्चों के सामने घर पर अपने कपड़ों के पहनावे का विशेष ध्यान रखें।


तुम की जगह आप से संबोधित करें


रात में बच्चों के सामने पलंग पर रोमांस न करें अगर घर छोटा है या घर में परिवार के और भी सदस्य हैं तो अपने ऊपर संयम रखें और उचित समय मिलने पर ही रोमांस करें।


घर में बच्चों के सामने किसी गैर धर्म की बुराई कभी भी न करें बल्कि उन्हें सभी धर्मों की अच्छाई के बारे में बताएं।


"परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण" (04 दिसम्बर 2024 ) एवं निपुण असेसमेंट टेस्ट (18 से 23 नवम्बर 2024 ) के आयोजन एवं तैयारी

 *NAS & NAT के सम्बंध में यूट्यूब सेशन*

*दिनाँक-06 नवम्बर 2024* 

*समय : 11: 00 AM* 


*समस्त डायट प्राचार्य, एडी बेसिक, BSA, BEO एवं DCT कृपया ध्यान दें:-*

 


"परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण" (04 दिसम्बर 2024 ) एवं निपुण असेसमेंट टेस्ट (18 से 23 नवम्बर 2024 ) के आयोजन एवं तैयारी के सम्बंध में अभिमुखीकरण हेतु राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा *दिनाँक-06 नवम्बर 2024 को 11: 00 AM से महत्वपूर्ण ऑनलाइन गोष्ठी (यूट्यूब सेशन) का आयोजन किया जा रहा है ।*

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण" (04 दिसम्बर 2024 ) एवं निपुण असेसमेंट टेस्ट (18 से 23 नवम्बर 2024 ) के आयोजन एवं तैयारी के सम्बंध में अभिमुखीकरण हेतु राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा *दिनाँक-06 नवम्बर 2024 को 11: 00 AM से महत्वपूर्ण ऑनलाइन गोष्ठी (यूट्यूब सेशन) का आयोजन किया जा रहा है ।*


*अतः निर्देशित किया जाता है कि उक्त ऑनलाइन गोष्ठी में समस्त डायट प्राचार्य, एडी बेसिक, BSA, BEO, DCT, SRG, ARP, डायट मेंटर, शिक्षक संकुल एवं समस्त शिक्षकगण समय से अपनी प्रतिभागिता*NAS & NAT के सम्बंध में यूट्यूब सेशन*

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👉 *कृपया संलग्न निर्देश एवं मैसेज सभी शिक्षकों को अग्रसारित करते हुए उक्त ऑनलाइन गोष्ठी में प्रतिभाग किये जाने हेतु निर्देशित करें।* 


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मिडडे मील में छात्र खाएंगे बीस ग्राम मात्रा में मूंगफली की चिक्की, गुड़-तिल-मूंगफली की गजक, रामदाना या बाजरे का लड्डू में कोई एक

मध्याह्न भोजन योजना के तहत हर छात्र छात्रा को अतिरिक्त न्यूट्रिशन मिलेगा। इसके तहत बीस ग्राम मात्रा में मूंगफली की चिक्की, गुड़-तिल-मूंगफली की गजक, रामदाना या बाजरे का लड्डू में कोई एक का वितरण होगा। इसके अलावा हर छात्र को 50 ग्राम मात्रा में भुना चना मिलेगा।

 मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके लिये पांच रुपये प्रति छात्र प्रति दिवस की दर तय की गई है। इस पर लगभग 95 करोड़ रुपये खर्च होगा। इसमें 57 करोड़ रुपये केन्द्रांश व 38 करोड़ रुपये राज्यांश शामिल है।

 मुख्य सचिव ने कहा कि यो


जना में आने वाले विद्यालयों में अध्ययनरत प्रत्येक छात्र को उच्चतम गुणवत्ता का अतिरिक्त सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन दिया जाए। खाद्य सामग्री का क्रय स्थानीय स्तर पर निर्धारित मानक के अनुसार किया जाए।

सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन अगले महीने से

गुरुवार (कुल-19 विद्यालय दिवस) को समस्त छात्रों को सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन दिया जाएगा। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

BEd का झंझट खत्म, 12वीं के बाद ऐसे बने प्राइमरी टीचर, पास करनी होगी ये परीक्षा

 सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद BEd कोर्स करने वालों को झटका लगा है। प्राइमरी टीचर के लिए BEd डिग्री रखने वालों को बाहर कर दिया गया है।


 नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी (NCTE) की ओर से नया कोर्स शुरू किया गया है। अब 12वीं के बाद ही शिक्षक भर्ती की तैयारी शुरू कर सकते हैं। आइए जानते प्राइमरी टीचर बनने के लिए कौन सा कोर्स करना होगा।

ITEP कोर्स लॉन्च

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानी (NCTE) की ओर से इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) शुरू किया जाएगा। यह चार वर्षीय पाठ्यक्रम होगा जिसमें स्टूडेंट्स 12वीं कक्षा के बाद प्रवेश ले सकेंगे।

प्राइमरी टीचर बन सकते हैं

इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम को कम्प्लीट करने के बाद अभ्यर्थी प्राइमरी टीचर बन सकेंगे। ऐसे में जो भी उम्मीदवार प्राइमरी शिक्षक बनना चाहते हैं वे इस चार वर्षीय प्रोग्राम को पूरा कर सकते हैं।

कैसे लें एडमिशन?

ITEP कोर्स में एडमिशन के लिए हर साल एंट्रेस एग्जाम का आयोजन करवाया जाएगा। इसके बाद उम्मीदवारों को रैंक के अनुसार कॉलेज अलॉट किए जाएंगे। एंट्रेस एग्जाम के आधार पर स्टूडेंट्स BSc BEd, BA BEd या BCom BEd कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे।

कब से होगा लागू?

नई शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2023 तक ITEP कोर्स को अनिवार्य किया जा सकता है। इसके बाद प्राइमरी टीचर भर्तियों में आईटीईपी कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे।

दिल्ली यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ

पायलट प्रोजेक्ट के तहत कई डीयू के कुछ कॉलेज समेत अन्य विश्वविद्यालयों में इस प्रोग्राम के तहत एडमिशन दिए जाने लगे हैं। दिल्ली के BRAU University में एडमिशन शुरू हो गया है।,

UP Teachers Good News : शिक्षकों की नौकरी पहले से अधिक सुरक्षित, शिक्षक सेवा संबंधी नियमावली में आवश्यक बदलाव

उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नौकरी पहले से अधिक सुरक्षित हो गई है। शिक्षक सेवा संबंधी नियमावली में आवश्यक बदलाव किए जाने हैं, जिसे दो माह के...