परिषदीय स्कूलों में बाला पेंटिंग इस तरीके से करवानी है विभागीय निर्देश
निपुण विद्यालय आकलन के 3 Round होंगे
1. *_अक्तूबर 2024* , *दिसंबर 2024* , *फ़रवरी 2025_*
2. _सितंबर एवं नवंबर 2024 में प्रधानाध्यापक द्वारा नामांकन एवं फ़रवरी 2025 में शेष विद्यालयों का आकलन_
3. _HM अपना नामांकन BEO को प्रेषित करें तथा ब्लॉक टीम द्वारा विद्यालय का आकलन अपने स्तर से किया जाये_
4. _ब्लॉक टीम द्वारा नामांकित विद्यालयों के निपुण status के परीक्षण के उपरांत ही अंतिम सूची परियोजना को प्रेषित करे_
*Round 1*
*नामांकनः सितंबर 2024*
*आकलनः अक्तूबर 2024*
*Round 2*
*नामांकनः नवंबर 2024*
*आकलनः दिसंबर 2024*
*Round 3*
*आकलनः फ़रवरी 2025*
*Round 1 एवं Round 2 के शेष विद्यालय*
_ब्लॉक के *80% विद्यालय* निपुण_
*निपुण ब्लॉक कहलायेगा*
सरकारी स्कूलों में टैबलेट संचालन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग करेगा व्यवस्था, कंपोजिट ग्रांट से सिम और डाटा खरीद कर शेष राशि भेजी जाएगी स्कूल ...
सरकारी स्कूलों में टैबलेट संचालन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग करेगा व्यवस्था, कंपोजिट ग्रांट से सिम और डाटा खरीद कर शेष राशि भेजी जाएगी स्कूल ...
31 जुलाई के बाद 6 वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों का नहीं होगा प्रवेश
नई शिक्षा नीति के तहत 31 जुलाई 2024 के बाद छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बालक, बालिकाओं का कक्षा एक में प्रवेश नहीं होगा।
जिन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में प्री प्राइमरी नर्सरी, यूकेजी कक्षाएं संचालित हैं उन्हें निर्देशित किया गया है कि उक्त कक्षा में प्रवेश लेते समय न्यूनतम आयु का निर्धारण इस प्रकार करें कि जब उक्त छात्र प्रोन्नत होते हुए कक्षा एक में पहुंचे तो वह न्यूनतम 6 वर्ष की आयु अवश्य पूर्णकर ले। खंड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह ने सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट व मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को पत्र भेजा है।
पत्र में बीईओ ने यह भी कहा है कि वर्तमान शैक्षिक में ऐसे बालक बालिकाएं जो एक अप्रैल 2024 से एक जुलाई 2024 के मध्य 6 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे हैं उन्हें निर्धारित आयु सीमा में शिथिलता प्रदान करते हुए सत्र के प्रारंभ में कक्षा एक में प्रवेश दे दिया जाए।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने नियमावली के अनुसार वरिष्ठता सूची बनाने के दिए आदेश
प्रयागराज : परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति का रास्ता तकरीबन एक दशक बाद साफ हो गया है। पदोन्नति में आरक्षण का लाभ देते हुए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के शिक्षकों को समय से पहले पदोन्नति दे दी गई थी।
हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था निरस्त कर दी और प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों ने पदोन्नत अधिकारियों-कर्मचारियों को वापस उनके मूल पद पर भेज दिया था लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग में पदोन्नत शिक्षकों को रिवर्ट नहीं किया गया। इसके चलते वरिष्ठता का विवाद बना रहा और 2015 के बाद से पदोन्नति रुकी हुई थी।
वरिष्ठता मौलिक नियुक्त से हो या नए कैडर में प्रमोशन की तिथि से इस पर भी विवाद था। सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के जिन शिक्षकों की पदोन्नति एससी/एसटी शिक्षकों के बाद हुई उन्होंने इसे लेकर कोर्ट में याचिकाएं की थीं।
इस मामले में दायर 36 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने 11 मार्च को अध्यापक सेवा नियमावली 1981 के अनुसार वरिष्ठता का निर्धारण सेवा कैडर में मौलिक नियुक्ति से करने के आदेश दिए हैं।
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प्राथमिक विद्यालयों ( कक्षा 1 से 5 तक ) का समय विभाजन चक्र (TIME TABLE), एक शिक्षक, दो शिक्षक, तीन शिक्षक, चार शिक्षक व पाँच शिक्षक वाला सम...