बाल संसद : उद्देश्य, शिक्षक की भूमिका, बाल संसद गठन, एवं समितियों के प्रमुख कार्य
बाल संसद क्या है?
बालक- बालिकाओं का एक मंच जिसका प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में गठन किया जाता है।
बाल संसद के उद्देश्य :
जीवन मूल्यों का विकास व्यक्तित्व विकास, नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने का क्षमता, सही/गलत स्पर्श की समझ, समय प्रबन्ध इत्यादि पर स्पष्ट समझ।
शिक्षक की भूमिका:
बाल संसद के संयोजक के रूप में सहयोग करना।
मंत्रिमण्डल/स्वरूप /गठन समितियां:
1. प्रधानमंत्री
1 व 2 में एक छात्रा का चयन अवश्य हो।
2 उप-प्रधानमंत्री
3. शिक्षा मंत्री
सह मीना मंच मंत्री (अनिवार्य रूप से छात्रा है)
4. उपशिक्षा मंत्री
5, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री 6. उप स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री
7. जल एवं कृषि मंत्री
8. उप जल एवं कृषि मंत्री
9. पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
10. उप पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री
11. साँस्कृतिक एवं खेल मंत्री
12 उप साँस्कृतिक एवं खेल मंत्री
समितियों के प्रमुख कार्य
मंत्रिमण्डल कार्य
प्रधानमंत्री विशेष अवसरों पर विद्यालय में समारोह आयोजित करना एवं महत्वपूर्ण निर्णय लेना
शिक्षा मंत्री सभी बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना।
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री व्यक्तिगत स्वच्छता, परिसर शौचालय की सफाई पर ध्यान देना।
जल एवं कृषि मंत्री विद्यालय में पेड़-पौधे, क्यारिया, परिसर के
सौन्दयीकरण पर ध्यान देना, पीने के पानी की स्वच्छता का ध्यान रखना।
पुस्तकालय एवं विज्ञान मंत्री पुस्तकालय की किताबें पढ़ने की आदत डलवाना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण नवाचारों में सहयोग करना।
सांस्कृतिक मंत्री सास्कृतिक गोष्ठी, वार्षिक खेलकुद, राष्ट्रीय पर्वों पर समारोह आयोजन।
नोट- सभी विद्यालयों में बाल संसद का गठन करना अनिवार्य है।
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